Saturday, July 24, 2010

प्रेम की बात

" रहिमन धागा प्रेम का, ना तोड़े ना चटकाए
तोड़े से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ पड़ जाए "

1 comment:

  1. अपने जोश को कभी गंगा जी के पानी जितना ठन्डा मत होने देना, नहीं तो किसी काम के नहीं रहोगे। क्या हुआ जो बद्रीनाथ नहीं जा सके? परमात्मा से मिलन हर किसी की किस्मत में नहीं होता है, उसके लिये जाट देवता जैसी किस्मत होनी चाहिए। राफ़टिंग देखी मस्त लगी ऐसा रोमांच तो होना ही चाहिए, अब बात बीमा कराने की अगर आप डर गये तो मर गये फ़िर तो हो ली यात्रा, जय भोले की।

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